बेस्ट म्युच्युअल फंड कैसे चुने | How to Select a Mutual Fund in Hindi 2022
म्यूचुअल फंड एक निवेश योजना है जो निवेश करके पैसे बनाने के लिए कई निवेशकों के फंड को एक एकत्रित करती है। इसके बाद फंड मैनेजर इस पैसे को स्टॉक, गोल्ड, बॉन्ड सहित विभिन्न प्रतिभूतियों को खरीदने के लिए निवेश करता है।
आज के समय मार्केट में बहुत सारे म्यूचुअल फंड उपलब्ध हैं। बेस्ट म्युच्युअल फंड कैसे चुने?(How to Select a Mutual Fund in Hindi ) यह आपको मुश्किल लग सकता है, लेकिन अगर आप सही स्ट्रेटर्जी का पालन करते हैं तो आप अपने लिए अच्छा म्युच्युअल फंड चून सकते है।
म्युचुअल फंड सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक हैं। यह सभी तरह के निवेशकों के लिए अलग अलग प्रकार की निवेश आवश्यकताओं के अनुसार निवेश समाधान प्रदान कर सकते हैं।
1.अपना लक्ष्य चुनिए
म्यूचुअल फंड चुनने से पहले, पहला कदम यह है कि आपको लक्ष्य तय करना है । यानी आप कितने समय के लिए निवेश करना चाहते हैं,कितने पैसे निवेश करने वाले है, रिटर्न की उम्मीदें, क्योंकि ये आपको एक ऐसा फंड चुनने में मदद करेंगे जो आपकी आवश्यकताओं के लिए सबसे उपयुक्त हो।
सर्वश्रेष्ठ म्युचुअल फंड चुनने में सबसे महत्वपूर्ण कदम यह है कि आप अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप म्युचुअल फंड चुनने पर ध्यान केंद्रित करें।
स्पष्ट लक्ष्य होने के कारण निवेश और परिणामी ट्रैकिंग को आसान बनता हैं। आपका लक्ष्य विदेश घूमना है, निवृत्ति के लिए बचत करना या घर खरीदना है,या कोई और अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आपको जितनी राशि की आवश्यकता होगी, उसका अनुमान लगाएं और उसके अनुसार निवेश करना शुरू करें।
2.जोखिम विश्लेषण करिए
निवेशक की जोखिम उठाने की क्षमता कितनी है।इसका आकलन कीजिए। विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड के साथ आने वाले जोखिमों को भी देखिए।
उदाहरण के लिए, इक्विटी म्यूचुअल फंड में अन्य फंड के मुकाबले उच्च स्तर की जोखिम होती हैं। और इससे पोर्टफोलियो में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। लेकिन इक्विटी म्यूचुअल फंड से रिटर्न अक्सर दूसरे फंड की तुलना में ज्यादा होता है। जो ज्यादा रिटर्न पाने के लिए उच्च जोखिम लेने के लिए इच्छुक हैं उन निवेशकों के लिए यह फंड उपयुक्त होता है।
अगर आप ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते तो आप अन्य फंड्स में निवेश चुन सकते है। जैसे कि डेट म्यूचुअल फंड। यह फंड कम जोखिम के साथ आते है। लेकिन रिटर्न भी इक्विटी म्यूचुअल फंड की तुलना में कम होते हैं।
3.एक्सपेंस रेशो चेक करे
निवेश करने से पहले निवेश से जुड़े विभिन्न प्रकार के शुल्कों को समझना आवश्यक है।
एक्सपेंस रेशो निवेश के उचित प्रबंधन के कंपनी द्वारा लिए लिया जाने वाला कमीशन या फीस होती है। निवेशक को ऐसे म्यूचुअल फंड की तलाश करना महत्वपूर्ण है जो कम एक्सपेंस रेशो के साथ आता है। क्योंकि समय के साथ इसका एक महत्वपूर्ण प्रभाव आपके निवेश पर होगा। आमतौर पर ये कहा जाता है कि एयूएम जितना अधिक होगा, एक्सपेंस रेशो उतना ही कम होगा।
अधिकांश फंड्स के एक्सपेंस रेशों आमतौर पर 1-2% के बीच होते हैं और उनमें से कुछ के 1% से कम होते हैं। एक्सपेंस रेशों की जांच करना महत्वपूर्ण है। क्योंकि मामूली अंतर भी आपके निवेश की वृद्धि को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है।
4.म्युच्युअल फंड परफॉर्मंस देखे
आप जिस म्युच्युअल फंड में निवेश करने जा रहे है उसने भूतकाल में कैसा रिटर्न दिया है इसका आकलन कीजिए।
रिटर्न के साथ ही निरंतरता भी मायने रखती है।मान लीजिए कि एक फंड जिसने पिछले तीन साल में 9%, 8% और 10% दिया है।और दूसरे फंड ने 3 वर्षों में 8%, 2% और 19% रिटर्न दिया है। तो पहला फंड बहुत निरंतर अच्छे रिटर्न देते आया है। इसलिए आप पहले वालेकी तरह के फंड चुन सकते है।
म्यूचुअल फंड का चयन केवल 6 महीने से 1 साल की अवधि में उनके प्रदर्शन के आधार पर नहीं करना चाहिए। ऐसे फंड चुनें जिन्होंने 3, 5 या 10 सालों में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया हो और स्थिर रिटर्न दिया हो।
एक म्यूचुअल फंड स्कीम की दूसरे से तुलना करते समय, निवेशकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे एक ही प्रकार की म्यूचुअल फंड स्कीमें हैं। उदाहरण के लिए, एक मिड कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड की तुलना केवल दूसरे समान मिड कैप म्यूचुअल फंड के साथ ही करनी चाहिए।
आपको एक और महत्त्वपूर्ण बात ध्यान में रखनी है कि कोई भी म्यूचुअल फंड का पिछला प्रदर्शन भविष्य के प्रदर्शन की गारंटी नहीं है। लेकिन पिछले प्रदर्शन से आप अंदाजा लगा सकते है कि आपको भविष्य में कैसा रिटर्न मिलेगा।
5.टैक्स को समझे
टैक्स को भी निवेशकों को, नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
इक्विटी फंड में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन यानी 12 महीने से कम समय के लिए होल्ड करने पर 15% टैक्स लगता है। और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (12 महीने से ज्यादा के लिए होल्ड) पर 1 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिलती है और उसके बाद 10% टैक्स लगता है।
आप अपनी म्युचुअल फंड को जितना अधिक समय तक बनाए रखेंगे, वे उतनी ही अधिक टैक्स एफिशिएंट बन जाएंगे। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स,शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन से तुलनात्मक रूप से कम है।
6.फंड मैनेजर की जानकारी लीजिए
आपके म्युच्युअल फंड का फंड मैनेजर कौन है इसके बारे में आपको जानकारी जरूर रखनी चाहिए। आपका म्यूचुअल फंड कैसा प्रदर्शन कर रहा है, इस पर फंड मैनेजर की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। क्योंकि वह तय करता है कि किस स्टॉक या सिक्योरिटीज में निवेश करना है।और किसीभी म्यूचुअल फंड के लिए पैसे कैसे वितरित करने है।
एक अच्छे फंड मैनेजर में खराब प्रदर्शन करने वाले म्यूचुअल फंड को अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंड में बदलने की क्षमता होती है।अगर फंड मैनेजर अच्छा है तो आपका म्युच्युअल फंड अच्छा करेगा। लेकिन अगर फंड मैनेजर उतना अच्छा नहीं है, तो हो सकता है कि फंड भविष्य में उतना अच्छा प्रदर्शन न कर सके।
निष्कर्ष – बेस्ट म्युच्युअल फंड कैसे चुने | How to Select a Mutual Fund in Hindi 2022
आशा करता हूं कि आपको बेस्ट म्युच्युअल फंड कैसे चुने(How to Select a Mutual Fund in Hindi) इसके बारे यह जानकारी अच्छी लगी होगी।
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